लेखनी कविता -विदाई -13-Feb-2022
✍🏻🙏 विदाई 🙏✍🏻
मै तुमको,
अलविदा कहूं,
या विदा कहूं,
तुम जा रही हो,
मुझे छोड़कर,
एक प्यार भरे
मासुम सफर पर ,
हसीन हमसफर के साथ ,
खुशियों के चमन में
उज्जवल भविष्य की डगर पर ,
जहां तन-मन का मधुर मिलन
एक नये संगीत को जन्म देता है ,
हम अपने हृदय से
तुम्हारे भावी जीवन की
सफलताओं की ,
और........,
शुभकामनाओं के साथ ,
हर्ष भरे आंसुओं से ,
विदा कहेगें
अलविदा नहीं,
इस विश्वास के साथ
तुम भी हमें
अलविदा नहीं कहोगी
विदा !! विदा !! विदा !!
✍🏻वैष्णव चेतन "चिंगारी" ✍🏻
गामड़ी नारायण
बाँसवाड़ा
राजस्थान